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जोरु का जोकर पार्ट 8

धर्मेंद्र और शांति अब वापस, अपने घर आ गए हैं

सुबह हुई है और धर्मेंद्र नहाकर तैयार हो गया है और घंटी बजाकर भगवान की पूजा कर रहा है

"धर्मेंद्र"! "तुम्हारे हाथ जोड़ते हूं, यह लोग दिखावा, ड्रामा बाद में कर लेना, भगवान कोई मंदिर छोड़कर भाग नहीं जाएंगे, मुझे चैन से सोने दो"! शांति ने कहा

"हद करती हो यार, यहां कौन से लोग, मुझे देख रहे हैं, जो मैं ड्रामा कर रहा हूं, यह काम तुम्हें, जल्दी उठकर करना चाहिए पर तुम्हें, सोने से फुर्सत मिले तो करोगी"! धर्मेंद्र ने कहा

"यही तो तुम मुझे बताना चाहते थे कि तुम बड़े भगवान के महान भक्त हो ओर मैं भगवान की दुश्मन हूं"! शांति ने कहा

"मैंने ऐसा कब कहा"!

"कहा नहीं, तुमने ऐसा किया है,मुझे नीचा दिखाने के लिए"!

"तो भगवान की पूजा करूं या ना करूं"! धर्मेंद्र ने पूछा

"भगवान की पूजा करने के लिए, मैंने कब मना किया, तुमने मुझ पर इतना बड़ा इल्जाम लगाया कि मैं, तुम्हें भगवान की पूजा करने से रोक रही हूं"!

"तुम्ही ने तो कहा की घंटी मत बजाओ, मुझे सोने दो"!

'मैंने ऐसा कब कहा, मैंने कहा मुझे डिस्टर्ब मत करो"!

"तुम्हारी डबल मीनिंग बातों से भगवान बचाए"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुम बड़े स्पष्ट वादी हो,तुम्हें पता भी है, तुम्हारी हर बात में मतलब होता है, एक षड्यंत्र होता है"! शांति ने कहा

"ठीक है, कुंभकरण की पत्नी, सो जाओ, कल से पूजा नहीं करूंगा"!

"तुमने, मुझे कुंभकरण की पत्नी कहा"! शांति ने धर्मेंद्र को तकिया मारते हुए कहा

"मेरी मर्जी, में अपने आप को कुंभकरण कहूं या रावण, इससे तुम्हें क्या प्रॉब्लम है"! धर्मेंद्र ने कहा

तभी अचानक वहां कर्मवीर भी आ जाता है कर्मवीर आज एकदम साफ सुथरे कपड़े, चश्मा लगाए हुए हैं

"दीदी"! "कोई परेशानी हो तो बता दो, आपका भाई रोज 2 घंटे जिम जाता है, अगर सनी देओल का हाथ हथोड़ा है तो मेरा हाथ चिमटा है, ऐसी चिमटी खोड़ुंगा कि तुम्हारा दुश्मन जिंदगी भर याद रखेगा"!

"वह तो ठीक है, पर आज बड़े फ्रेश लग रहे हो, नए कपड़े, नया चश्मा क्या बात है"! शांति ने कहा

'अपनी ही दुकान के कपड़े हैं, पता नहीं इतने दिनों में क्या बंटाढाल किया होगा इसने"! धर्मेंद्र ने कोसते हुए कहा

"बंटाढाल तो किया है पर अपनी दुकान का नहीं, दूसरों की दुकान का, मैंने अपनी दुकान का प्रमोशन किया, तो शहर की सारी पब्लिक अपनी दुकान पर टूट पड़ी, तीन दिन में 6 लाख का बिजनेस किया है, मैंने"! कर्मवीर ने बताया

"देखा,,, कुछ सीखो मेरे भाई से, जिसे तुम खोटा सिक्का समझते थे, वह सोने का निकला"! शांति ने ताना मारते हुए कहा

"चल,,,धंधे के पैसे दे"! धर्मेंद्र ने कहा

'पैसे नहीं है"! कर्मवीर ने बताया

"कहां उड़ाए"! धर्मेंद्र ने पूछा

"उड़ाए नहीं, सोने में जड़ाए, मेरी दीदी तुमसे 3 साल से सोने का हार मांग रही थी, इसलिए मैंने 6 लाख का सोने का हार बनवाया है"! यह देखो बॉक्स खोलते हुए दिखाया

यह देखकर शांति इतनी खुश हो जाती है कि उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह उठकर कर्मवीर की आरती उतारती है और उसे तिलक लगाती है

;"तूने, मुझसे बिना पूछे, मेरे 6 लाख बर्बाद कर दिये"! धर्मेंद्र ने कहा

"चुप रहो, घर आई लक्ष्मी बर्बाद नहीं करती, आबाद करती है, इस सोने के हार में मुझे, साक्षात लक्ष्मी माता नजर आ रही है, मेरे जिस सपने को तुम 3 साल में पूरा नहीं कर पाए, उस सपने को मेरे भाई ने तीन दिन में पूरा कर दिया"! शांति ने कहा

"ऐसे घर बेचकर, तीर्थ करने से क्या फायदा, बर्बाद हो गया में"! धर्मेंद्र ने अपना सिर पकड़ कर कहा

"अगर मेरी खुशी देखकर, तुम बर्बाद होते हो तो बर्बाद ही सही, मुझे, तुम्हारी बर्बादी पर जरा भी अफसोस नहीं है"! शांति में स्पष्ट कहा

"ओ,, नाटकबाज जीजा, यह फोकट का रोना धोना बंद करो, मेरी दीदी की खुशी बर्दाश्त नहीं हो रही है, क्या"? कर्मवीर ने पूछा

तभी धर्मेंद्र का फोन बजता है, वह फोन उठा कर कहता है-"हेलो कौन"?

"अबे तेरा काका बोल रहा हूं, इंग्लिश में बोले तो अंकल, आवाज नहीं पहचानी"!

"अरे अंकल आप"! धर्मेंद्र ने आश्चर्य से कहा

"हां,,मैं, कैसा है तू, धम्मू"?

"बर्बाद हो गया हूं, 6 लाख की जरूरत है, आप दोगे क्या"? धर्मेंद्र ने कहा

"6 लाख क्या, 12 लाख भी दे दूंगा, अब यह बता कैसे लेगा, चेक लेगा कैश"? अंकल ने पूछा

"आपके पास, बीड़ी पीने के पैसे नहीं रहते हैं और आप, मुझे 12 लाख देने की बात कर रहे हो, आपके पास इतने सारे पैसे कहां से आए"? धर्मेंद्र ने पूछा

"तेरे अंकल ने एक, करोड़पति आंटी को अपने जाल में फंसा रखा है, अगले हफ्ते मेरी उससे शादी होने वाली है, वही अपने खजाने की चाबी है"! अंकल ने कहा

"अरे यार, तुम शादी करो या बर्बादी करो, मुझे उससे क्या"? "आप इस वक्त कहां हो, मैं अभी तुम्हारे पास आकर 12 लाख ले लेता हूं"! धर्मेंद्र ने कहा

"तुझे, मेरे पास आने की जरूरत नहीं है, लक्ष्मी खुद, तेरे घर आ रही है, मतलब मैं लक्ष्मीकांत प्यारे, तुम्हारे घर आ रहा हूं"! अंकल ने कहा

"कब, कहां, कैसे"? धर्मेंद्र ने पूछा

"आज तेरे घर, अपने पांव से आऊंगा"! अंकल ने बताया

"कितने बजे तक आओगे"? धर्मेंद्र ने पूछा

"दोपहर 12:00 बजे तक आ जाऊंगा"! अंकल ने बताया

"ठीक है और पैसे जरुर लेकर आना"! धर्मेंद्र ने याद दिलाया

'ठीक है, ले आऊंगा"!

फिर धर्मेंद्र, शांति से कहता है -"तुमने बिलकुल ठीक कहा था शांति कि इस सोने के हार में साक्षात लक्ष्मी माता का निवास है, क्योंकि आज 12:00 हमारे घर 12 लाख और आने वाले हैं"! धर्मेंद्र ने कहा

"कहां से आ रहे हैं 12 लाख और क्यों आ रहे हैं, पहले यह बताओ"? शांति ने पूछा

"मेरे अंकल,,,लक्ष्मीकांत प्यारे, हमारे घर 12 लाख रुपए देने आ रहे हैं"!

"अरे उनके पास, बीड़ी बंडल के लिए ₹12 नहीं होते है, हमें 12 लख रुपए कहां से लाकर देंगे,बीड़ी, सिगरेट, गुटका भांग,गांजा, शराब रिश्तेदारों से मांग मांग कर पीते हैं, मना कर दो उन्हें कि हमारे घर आने की कोई जरूरत नहीं है, नहीं चाहिए हमें उनके 12 लख रुपए"! शांति ने स्पष्ट कहा

'घर आई लक्ष्मी को भगा रही हो, अरे उन्होंने मुझसे, हमेशा पैसे लिए हैं, आज जिंदगी में पहली बार देने की बात कर रहे हैं"!

"मुझे,,,तुम्हारे अंकल के पैसों से परहेज नहीं है, तुम्हारे अंकल से परहेज है, क्योंकि वह एक नंबर के आंटीबाज है, पता है, उन्होंने हमारी शादी में मेरी भोपाल वाली बुआ को आंख मारी थी, और मेरी मौसी को बहला फुसला कर पटा ली थी, वह तो मैंने, अपनी मौसी को उनके खिलाफ भड़काया, तब जाकर, मेरी मौसी का इश्क का भूत उतरा, अगर यहां कोई ऐसा कांड कर दिया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा"? शांति ने पूछा

"अरे यार,,,,कोई महीने दो महीने के लिए नहीं आ रहे हैं, एक-दो घंटे के लिए आ रहे हैं, पैसे ले लेते हैं, फिर उन्हें मैं, खुद रेलवे स्टेशन छोड़कर आ जाऊंगा"!

"घंटे 2 घंटे के लिए ठीक है, उससे ज्यादा उस ठरकी बुड्ढे को मैं, मैनेज नहीं कर पाउंगी"! शांति ने स्पष्ट कहा

"अरे,,, दीदी आपको कोई गलतफहमी हुई है, कंजूस जीजा जी के अंकल, तो बहुत ही इज्जतदार, शरीफ, संस्कारी लौंडे हैं, मैंने उनको अपना गुरु बनाया है"! कर्मवीर ने कहा

तूने इतने घटिया किस्म के इंसान को अपना गुरु बनाया है, नाम डूबा दिया तूने, हमारे ऊंचे खानदान का"! शांति ने कहा

"अब दीदी,,,हर बात तुम्हें समझा नहीं सकता, वह तुम्हारी नजर में घटिया है पर मेरी नजर में बढ़िया है, मैंने, उनसे बहुत कुछ सीखा है"! कर्मवीर ने कहा

"क्या सीखा है, लड़की पटाना, नशा करना, जुआ खेलना"?शांति ने गुस्से में कहा

"अरे,,,यह बच्चों के खेल तो उन्होंने मुझे, आधे दिन में सिखा दिए थे, मैंने तो उनसे और भी बहुत कुछ सीखा है"! कर्मवीर ने बताया

"चुप हो जा, बड़ी बहन से जुबान लड़ाता है, जा,,,जाकर दुकान संभाल"! शांति ने कहा

"मैं आज कहीं नहीं जाने वाला हूं, मैं तो आज अपने, साधु संत, महात्मा जैसे गुरुदेव की सेवा करूंगा, क्योंकि उनके दर्शन मात्र से ही मेरी, समस्या दूर हो जाती है"! कर्मवीर ने कहा

"अरे,,,,वाह, कर्मवीर, तू तो सच में सच्चा गुरु भक्त हैं, तेरे गुरु जी को पनीर की सब्जी, आलू के पराठे, गुलाब जामुन बहुत पसंद है, जा,,,,उनके आने से पहले, बाजार से ले आ"!धर्मेंद्र ने कहा

"मैं,,,,अपने गुरु जी को यह सब, बाजार से लाकर नहीं खिलाऊंगा, अपने हाथों से बना कर खिलाऊंगा, इसीलिए मैं किचन में जा रहा हूं"! कर्मवीर ने किचन में जाते हुए कहा

"इसे अचानक क्या हो गया"? शांति ने आश्चर्य से पूछा

"कुछ नहीं हुआ है, अचानक,, आरुणि की गुरु भक्ति जाग गई है"! धर्मेंद्र ने बताया

(आगे कहानी, 3 घंटे बाद)

12:00 बजने वाल वाले हैं, धर्मेंद्र, शांति और कर्मवीर बड़ी बेसब्री से अंकल का इंतजार कर रहे हैं, तभी अंकल आते हैं, उन्होंने जींस, शर्ट, टोपी और चश्मा लगा रखा है

"कैसे हो मेरे बच्चों"? अंकल ने कहा

"बहुत बुरा हाल है और आपके आने से और बुरा हो गया है, आपको कहा था, पैसे साथ लेकर आना फिर भी आप, खाली हाथ चले आए"! धर्मेंद्र ने गुस्से में कहा

"धम्मू तु आज भी लल्लू के लल्लू ही है, अरे पैसे नहीं लाया तो क्या हुआ, चेक बुक तो लाया हूं"! अंकल ने चेक बुक दिखाते हुए कहा

"अरे,,,,,मेरा भाई करमवीर कहां गया"? शांति ने पूछा

"कौन कर्मवीर"? अंकल ने पूछा

"नीचे देखो, अंकल के पैरों में पड़ा है"! धर्मेंद्र ने बताया

"मेरे परम भक्त, तेरा स्थान मेरे चरणों में नहीं, मेरे हथो में है, तेरी इस गुरु भक्ति को देखकर, दो-चार लात मारने का मन कर रहा है, मेरा मतलब 2, 4, लाख रुपए देने का मन कर रहा है"! अंकल ने कहा

फिर कर्मवीर उठता है और अंकल उसे गले लगाते हैं

"बहु,,,,बहुत जोर से भूख लग रही है, बातें बाद में करेंगे, पहले मेरे लिए कुछ खाने का ले आओ"! अंकल ने कहा

"गुरुदेव,,,,मैंने, आपकी फेवरेट डिश, पनीर पालक की सब्जी, आलू के पराठे और गुलाब जामुन बनाए हैं"! कर्मवीर ने कहा

"धम्मू,,,,तुम्हारा नौकर बहुत समझदार है"! अंकल ने कहा

"गुरुदेव,, मैं, तुम्हारे गधे धम्मू का नौकर नहीं, साला हूं, भूल गए, हम अगले महीने उज्जैन में रमेश काका की शादी में मिले थे और आपने मुझे सेटिंग बाजी की शिक्षा दी थी"! कर्मवीर ने याद दिलाया

"हां,,,,,याद आया, कैसे हो मेरे नंबर वन छैले"! अंकल ने पूछा

"आपकी कृपा से कुशल मंगल हूं"! कर्मवीर ने कहा

फिर सभी एक साथ खाना खाते हैं

"गुरुजी,, खाना कैसा बना है"? कर्मवीर ने पूछा

"अच्छा बनाया है, बस गुलाब जामुन में शकर कम है, पराठो में आलू नहीं है और पनीर की सब्जी में पनीर नहीं है, बाकी सब बढ़िया है"! अंकल ने कहा

"कितना घटिया खाना बनाया है,,,तूने कर्मवीर, इसे तो कुत्ते भी नहीं खाएंगे"! शांति ने थूकते हुए कहा

"तुम्हें नहीं खाना है तो मत खाओ, मेरे गुरुजी खा लेंगे, क्योंकि मेरे गुरुजी कुत्ते से भी बढ़कर कुत्ते हैं, क्यों गुरुजी सही कहा ना, मैंने"! कर्मवीर ने पूछा

"बिल्कुल सही कहा, मेरे सामने कुत्तों की क्या हैसियत है, अरे,,,,वह तो बच्चे हैं, बच्चे"!अंकल ने बताया

"ठीक है, अंकल आप खा लीजिए और बचा हुआ खाना अपने साथ ले जाना, क्योंकि ऐसा खाना हम नहीं खा पाएंगे"! शांति ने स्पष्ट कहा

"ले जाने की क्या जरूरत है, फ्रिज में रख देना, शाम को फिर गर्म करके खा लूंगा और मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, एक दो महीने तुम्हारे ही साथ रहूंगा"!

"क्या"? "आप दो महीना तक, हमारे साथ रहोगे"? शांति में चोकते हुए पूछा

"अगर तुम कहो तो चला जाता हूं"! अंकल ने कहा

"नहीं,,,,,मेरा वह मतलब नहीं था, आप इतने बड़े आदमी बन गए हो तो आप बहुत बिजी रहते होंगे, आपके पास टाइम की कमी होगी"! शांति ने पूछा

"कारोबार सम्हालने के लिए, मैंने बहुत सारे नौकर रखे हुए हैं, बहू खाने के बाद, मेरी सोने क आदत है, उधर वाले कमरे में मेरा बिस्तर लगा दो"! अंकल ने कहा

"ठीक है,,,अंकल जी"! शांति में कहाअं

"कल जी,,,खाना खाकर मुझे 12 लाख का चेक दे दो, आज बैंक का हाफ डे हैं, कहीं बैंक बन्द ना हो जाए"! धर्मेंद्र ने चिंतित भाव से कहा

"धम्मू,,,,तू भिखारी के भिखारी ही रहेगा, सब्र नहीं है तुझ में, बचपन में भी मेरे पीछे पड़ा रहता था, अंकल अठन्नी दे दो, अंकल अठन्नी दे दो, बचपन में इसे इतना सारा सेबड़ा आता था कि सभी इसे सेबढ़िया-सेबढ़िया कहते थे"! अंकल ने बताया

शांति और कर्मवीर हंसते हैं

"आप चेक दोगे या ऐसे ही बहाने बनाते रहोगे"! धर्मेंद्र ने गुस्से में पूछा

"बैग में से चेक बुक निकाल ले और जितने चाहिए, उतने लिख ले, मेरी खुद की तो कोई औलाद ही नहीं है, जो भी है तुम दोनों का ही है"! अंकल ने कहा

"ठीक है, तो 20 लाख रुपए निकाल लेता हूं, अगर आपको अचानक कुछ हो गया, तो पैसे बैंक में पड़े पड़े सड़ जाएंगे"! धर्मेंद्र ने कहा

"20, 30,40,जितने चाहिए, उतने निकालो"! अंकल ने कहा

"अंकल,,,मैं आपका बिस्तर लगाकर आती हूं"! शांति ने प्रसन्नता से कहा

"अरे,,,,बहु, वह तुम्हारी ग्वालियर वाली मौसी जी के नंबर देना, मुझे उनसे जरूरी काम है"! अंकल ने कहा

"क्या जरूरी काम है, आप उनसे"? से शांति में गुस्से में पूछा

'अरे,,,मैंने, उनसे ₹500 उधार लिए थे, वह लौटाना है"! अंकल ने बताया

"आप वो ₹500 मुझे दे देना, मैं लौटा दूंगी"! शांति ने कहा

'अरे,,,जब पैसे अंकल ने लिए है, तो उनको लौटाने दो, अंकल उनके हाथ से देंगे, तो ज्यादा अच्छा होगा, नंबर दे दो तुम्हारी मौसी के"! धर्मेंद्र ने कहा

"ठीक है,,,लिखिए 1,2,3,4 माता जी की जय जयकार, 5 6 7 तुम खाओ लात, 8,9,0 साले गंजे हीरो"! शांति ने नंबर देते हुए कहा

"ठीक है,,,अब मैं आराम करने जा रहा हूं, गुड नाइट"! अंकल ने जाते हुए कहा

"जल्दी जाओ और 20 लाख निकाल कर लाओ, 10 लाख तुम्हारे, 10 लाख मेरे"! शांति ने कहा

"तुम्हें 10 लाख किस खुशी में दूं, वह मेरे अंकल है, उनके सारे पैसे मेरे हैं"! धर्मेंद्र ने कहा

"आ गए, अपनी असली औकात पर, भुलो मत, हमारे घर लक्ष्मी की कृपा, मेरी वजह से हो रही है"! शांति ने कहा

तभी शांति के पास उसकी मौसी का फोन आता है -"जी मौसी जी,, कहिए"? शांति ने पूछा

"अरे,,,,,तूने, तेरे उस खुसट बुढ्ढै, काका ससुर को मेरे नंबर क्यों दिए"? "तुझे अच्छे से पता है, उसकी मुझ पर बुरी नजर हैं, वह गंजा बुढ्ढा, मुझ पर लाइन मारता है और उसने मुझे प्रपोज किया, अगर यह बात तेरे मौसा जी को पता चल गई, तो मुझे घर से निकाल देंगे"!

"क्या"? शांति ने आश्चर्य से कहा

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1 Comments

Varsha_Upadhyay

16-Sep-2023 08:14 PM

Nice 👌

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